पंडितजी अब घर के एकदम सामने थे और घर से उनकी दूरी बस 50 मीटर रह गई थी मगर अब यहाँ उनकी साइकिल के पिछले टायर पर जैसे मानो किसी ने पहाड़ रख दिया हो, साइकिल वहीं जाम हो गई, पिछला टायर रिम सहित पूरा मूड गया और पंडितजी भी पास ही में जा गिरे, उनको साइकिल के पीछे किसी बड़े जानवर के होने का एहसास हुआ मगर उनको अब वहाँ नहीं रुकना था तो पंडितजी सरपट अपने घर की तरफ भागे वो जानवर भी पीछे भाग लिया!
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